बाली मतवाली जिसकी अदा है निराली बाली
मदहोश वाली बोलो किसकी घर वाली है ,
गालो पे गुलाल जिसके ओठ लाल लाल
और रेशम से बाल और आंखे काली काली है ,
देह में वो मोटी जिसकी कद नाटी छोटी ,
चंचल मृदुल और नखरे वाली है ,
जो करती है प्यार फिर देती फटकार
मंडराती बार बार करती बात हाली हाली है ,
प्यार की खज़ाना जो उन्ही की जाने जाना ,
शम्मा की परवाना खाती भर भर थाली है ,
बाली मतवाली जिसकी अदा है निराली बाली
मदहोश वाली बोलो किसकी घर वाली है ,
सुकुमार, ......